चोर मचाये शोर :वेक्सीन पर ट्विटम ट्वीट
बीसम बीस (ट्वेंटी ट्वेंटी की तरह )ट्विटम- ट्वीट खेल रहा है टूलकिटिया विपक्ष। पहले एग्ज़िक्यूटत्व क्लास में उड़ने वाले सात तारा होटल जीवी थरूर ने कहा वैक्सीनों के पर्याप्त परीक्षणों को पूरा किये बिना ही सरकार ने टीकाकरण की मंज़ूरी दे दी। गोल टोपी ओढ़े अखिलेश यादव ने कहा ये भगवा वेक्सीन है मैं तो नहीं लगवाऊंगा। नपुंसक हो गया तो। अब ये अक्ल नरेश क्वारेंटाइन में है।
अपने चुनावी संकल्प पत्र -मैनिफेस्टोज में इनने कहा हम अपने राज्यों में केजरीवाल की फ्रीबीज़ की तरह वैक्सीन भी बांटेंगे। फिर कहा हम को वेक्सीन खरीदने का अधिकार मिले यही संघीय अवधारणा के अनुरूप है।
मज़ेदार बात यह है इनके बजटीय प्रावधानों में इस एवज़ कोई राशि आबंटित नहीं है जबकि हेल्थ और अस्पतालों को साधना साधन सम्पन्न बनाये रखना राज्यों के पाले में रहा है। स्टेट सब्जेक्ट रहा है हेल्थ।
ये टूलकिटिया लफ़्फ़ाज़ अब बगलें झाँक रहे हैं। ग्लोबल टेंडर इन्होने आमंत्रित किये दवा निगमों ने इन्हें भरोसेमंद खरीददार नहीं समझा।कहा तुम्हारी औक़ात नहीं हैं इन वैक्सीनों को खऱीदने की न इन्होनें कोई अग्रिम राशि वेक्सीन खरीद के लिए केंद्र सरकार को अभी तक भी दी है।
बीच -बीच में आवाज़ें आतीं हैं किसी लूंगी लपेट चिदंबरम की मुझे वेक्सीन चाहिए -भैया राजस्थान ,महाराष्ट्र ,पंजाब ,झारखंड ,छत्तीस गढ़ के क़ूड़े दान से उठाके लगवा लो।
विपक्ष के भड़कावे वैक्सीन विरोध के चलते आज ग्रामीण अंचल वैक्सीन को देखकर वैसे ही भड़क रहा है जैसे लाल रंग को देख के भैंसा। कुछ नदी में कूद रहें हैं कुछ को वेक्सीन से जान जाने का खतरा है कहते हैं हमारे वेक्सीन लगवाने के बाद हमारे बच्चों की देखभाल कौन करेगा।
ये टूलकिटिया विपक्ष न्यूयॉर्क टाइम्स के निर्देशित डॉक्टर्ड आकंड़ों से खिलवाड़ करता है भारत सरकार पर ही नहीं भारत पर। मौत का आंकड़ा बढ़चढ़कर बतलाता है। कटुवे कोरोना की वजह धारा ३७० और ३५ ए को बतलाते हैं तीन-तलाक सम्बन्धी रोक को बतलाते हैं.सारे चरम चूतिये राग-चुतियापा अलाप रहे हैं।हमें मुफ्त वेक्सीन चाहिए। केंद्र सरकार बांटे मंगलवारी प्रसाद की तरह। आखिर में ओमप्रकाश तिवारी जी की दैनिक कविता :
ग्लोबल टेंडर के लिए शोर मचाये 'आप ',
वेक्सीन पे है लगा ,फिर भी फुल -स्टॉप।
फिर भी फुलस्टॉप अभी भी केंद्र भरोसे ,
लेकिन जाएं 'आप' उसी को हरदम कोसे।
ढूंढ़ों -ढूंढ़ों और ज़रा 'ट्विटर' पर टेंडर ,
गर कोई मिल जाए निकालो ग्लोबल टेंडर।
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