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Showing posts from August, 2020

भाव बोध सहित :अधरं मधुरं वदनं मधुरं, नयनं मधुरं हसितं मधुरम्। हृदयं मधुरं गमनं मधुरं, मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥1।।

भाव बोध सहित : अधरं मधुरं वदनं मधुरं, नयनं मधुरं हसितं मधुरम्। हृदयं मधुरं गमनं मधुरं, मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥1।। (मधुराधिपते अखिलं मधुरम्) अर्थ (Meaning in Hindi): अधरं मधुरं – श्री कृष्ण के होंठ मधुर हैं वदनं मधुरं – मुख मधुर है नयनं मधुरं – नेत्र (ऑंखें) मधुर हैं हसितं मधुरम् – मुस्कान मधुर है हृदयं मधुरं – हृदय मधुर है गमनं मधुरं – चाल भी मधुर है मधुराधिपते – मधुराधिपति (मधुरता के ईश्वर श्रीकृष्ण) अखिलं मधुरम् – सभी प्रकार से मधुर है वचनं मधुरं चरितं मधुरं, वसनं मधुरं वलितं मधुरम्। चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं, मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥2।। (मधुराधिपते अखिलं मधुरम्) अर्थ (Meaning in Hindi): वचनं मधुरं – भगवान श्रीकृष्ण के वचन (बोलना) मधुर है चरितं मधुरं – चरित्र मधुर है वसनं मधुरं – वस्त्र मधुर हैं वलितं मधुरम् – वलय, कंगन मधुर हैं चलितं मधुरं – चलना मधुर है भ्रमितं मधुरं – भ्रमण (घूमना) मधुर है मधुराधिपते – मधुरता के ईश्वर श्रीकृष्ण (मधुराधिपति) अखिलं मधुरम् – आप (आपका) सभी प्रकार से मधुर है वेणुर्मधुरो रेणुर्मधुरः, पाणिर्मधुरः पादौ मधुरौ। न

Every coin has two sides .So same goes with Rahul Gandhi .Instead of mocking at him , we should stand for him .Make him realize the present scenario .Ask him to look for the welfare of the nation as one

What is Rahu Of Indian Politics to whom some call Pappu ,many more as Mentally challeged still many tag him with Bermuda Triangle, Flying Saucers and other such hot and perennial ambiguities.What is your take about the subject so called 'Rahul gandhi 'who is neither Rahul Nor Gandhi . श्रीयुत अबुध कुमार ,चिरंजीवी मतिमंद कुमार ,चिरकुमार शिशु ,राहुल -बाबा ,मूढ़धन्य प्रौढ़ बालक , कोई एक विशेषण इस अजूबे के साथ चस्पां नहीं किया गया है।ज़ाहिर है, न ये संज्ञा है ,न सर्वनाम ,विशेषण हो सकता  है ,इतना यकीनन मान लेने में कोई हर्ज़ नहीं है।  अलबत्ता हम इस सबसे सहमत नहीं हैं लोग ऐसा कहते हाँ उनका गांधी होना दिखना माना जाना संदेहास्पद ज़रूर प्रतीत होता है। "जो दीसे सो माया।" ये गोचर अगोचर विश्व ये पूरी कायनात ये पूरा प्रपंच ही हमें  'राहु' केतु  की तरह मायावी दिखता है।भारतीय राजनीति के राहु क्या हैं खुदा जाने। बहर -सूरत इस मनोरंजन जन रंजन सामिग्री पर हम ने चंद मित्रों ,मैत्रैयों के विचार आमंत्रित  किये हैं ,इस खुले विमर्श में आपका योगदान हमारे लिए याचित रहेगा। कृपया अभिव्यक्त